आज हम आप को देश के पूर्व सबसे युवा प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के बार में बताएंगे उनका जन्म कब हुआ, शिक्षा कहाँ पर हुई, राजनीती में कैसे आये, वो देश के प्रधानमंत्री कब बने विवादो से क्या रिश्ता रहा उनका और देश हित में उन्होंने कोनसे काम किय।
पिता का नाम | फिरोज गांधी |
माता का नाम | इंदिरा गांधी |
पत्नी का नाम | सोनिया गांधी |
बच्चों का नाम | राहुल गांधी व प्रियंका गांधी |
राजीव गांधी जयंती | 20 अगस्त |
राजीव गांधी पुण्यतिथि | 21 मई |
श्री राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को बम्बई में हुआ था। वे सिर्फ तीन वर्ष के थे जब भारत स्वतंत्र हुआ और उनके नाना स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। उनके माता-पिता लखनऊ से नई दिल्ली आकर बस गए। उनके पिता फिरोज गांधी सांसद बने एवं जिन्होंने एक निडर तथा मेहनती सांसद के रूप में ख्याति अर्जित की।
उन्होंने नई दिल्ली के शिव निकेतन स्कूल, देहरादून के वेल्हम बॉयज़ स्कूल और दून स्कूल, देहरादून से स्कूली शिक्षा प्राप्त की।उन्होंने 1965 में कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज से इंजीनियरिंग की, लेकिन डिग्री नहीं ली।उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए 1966 में #इंपीरियल_कॉलेज, लंदन में प्रवेश लिया, लेकिन वह भी पूरा नहीं किया।1966 में वो भारत लौट आये व 4 साल का पायलट प्रशिक्षण प्राप्त किया तथा #राजनीति की बजाय एयर इंडिया में बतौर पायलट अपना कैरियर शुरू किया।
यह तो पहले से ही स्पष्ट था कि राजनीति में अपना करियर बनाने में उनकी कोई रूचि नहीं थी। उनके सहपाठियों के अनुसार उनके पास दर्शन, राजनीति या इतिहास से संबंधित पुस्तकें न होकर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग की कई पुस्तकें हुआ करती थीं। हालांकि संगीत में उनकी बहुत रुचि थी। उन्हें पश्चिमी और हिन्दुस्तानी शास्त्रीय एवं आधुनिक संगीत पसंद था। उन्हें फोटोग्राफी एवं रेडियो सुनने का भी शौक था।
40 वर्ष की उम्र में प्रधानमंत्री बनने वाले श्री राजीव गांधी भारत के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री थे और संभवतः दुनिया के उन युवा राजनेताओं में से एक हैं जिन्होंने सरकार का नेतृत्व किया है। सौम्य व्यक्तित्व वाले राजीव गांधी को 31 अक्टूबर 1984 को उनकी मां और देश की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद प्रधानमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। 20 अगस्त 1944 को मुंबई में जन्मे राजीव गांधी देश के सबसे कम उम्र के पीएम थे। अपने कार्यकाल में उन्होंने नौकरशाही में सुधार लाने और देश की अर्थव्यवस्था के उदारीकरण के लिए जोरदार कदम उठाए। राजीव गांधी को देश में सूचना प्रौद्योगिकी और संचार क्रांति का जनक भी कहा जाता है। राजीव गांधी कभी कोई निर्णय जल्दबाजी में नहीं लेते थे।
राजीव गांधी को राजनीति में शामिल होने में कोई दिलचस्पी नहीं थी लेकिन उनके भाई संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में अप्रत्याशित रूप से मृत्यु हो गई, अंततः राजीव ने 16 फरवरी 1981 को राजनीति में कदम रखा तथा अगस्त 1981 में अमेठी से निर्वाचित हुए तथा 1981 में ही उन्हें युवा कांग्रेस के अध्यक्ष की बागडौर सौंपी गई। 31 अक्टूबर 1984 को उनकी मां इंदिरा गांधी का निधन हो जाने के बाद, उन्हें प्रधान मंत्री बनने के लिए कहा गया। 1984 में राजीव ने प्रधानमंत्री का पद संभाला और राष्ट्रपति से संसद भंग करने और नए सिरे से चुनाव कराने को कहा; चूंकि लोकसभा ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लिया था। फिर उन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया। कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल की और राजीव ने 31 दिसंबर 1984 को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली; 40 साल की उम्र में उन्हें सबसे युवा पीएम बनाया।वह 2 दिसंबर 1989 तक प्रधानमंत्री थे जब वी.पी. सिंह सरकार सत्ता में आई।
बाकी सब के साथ साथ राजीव गांधी का विवादों से गहरा नाता रहा,चाहे वो सिक्ख दंगे हो,शाह बानो केस हो,बोफोर्स घोटाला हो
1984 में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उनका ये बयान कि "जब एक विशालकाय पेड़ गिरता है, तो धरती हिलती है”। इस बयान को सिख विरोधी दंगों के औचित्य के रूप में देखा गया था, जो कांग्रेस नेताओं द्वारा किए गए थे।
1985 में, सुप्रीम कोर्ट ने शाह बानो के पक्ष में फैसला सुनाया और कहा कि उनके पति को गुजारा भत्ता देना होगा। कई भारतीय मुसलमानों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत विरोध प्रदर्शन किया। राजीव गांधी ने उनकी मांगें मान लीं। राजीव ने मुस्लिम महिला (तलाक पर अधिकारों का संरक्षण) अधिनियम 1986 पारित किया,जो कि न्यायालय के फैसले को बाधित करता था ,इसे विपक्ष द्वारा अल्पसंख्यक तुष्टिकरण करार दिया गया।
अप्रैल 1987 में, वी.पी. सिंह ने सरकार और कांग्रेस नेताओं में भ्रष्टाचार के बारे में जानकारी दी। बोफोर्स घोटाले के संबंध में एक जांच स्थापित की गई थी। एक ईमानदार राजनेता के रूप में उनकी छवि धूमिल होने के कारण राजीव गांधी 1989 के आम चुनाव हार गए।
नवंबर 1991 में, एक स्विस पत्रिका श्वेज़र इलस्ट्रेटर ने दावा किया कि राजीव ने स्विट्जरलैंड में गुप्त खातों में 2.5 बिलियन स्विस फ़्रैंक रखे।
साल 1991 में 21 मई को आम चुनाव रैली के दौरान तमिलनाडू के श्री पेरमबदूर में एक भयानक बम बिस्फोट में साजिश के तहत उनकी हत्या कर दी गई। 1991 में, उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। राजीव गांधी की मृत्यु के बाद से, 21 मई को भारत में आतंकवाद विरोधी दिवस घोषित किया गया।
उन्होंने अपने पीएम के कार्यकाल में कम्यूटर, संचार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को नई दिशा दी एवं नई शिक्षा नीति की घोषणा कर शिक्षा को खूब बढ़ावा दिया।
यही नहीं राजीव गांधी जी ने अपनी अद्बुत राजनैतिक कार्यशैली के चलते उन्हें असम, मिजोरम, पंजाब समझौते समेत श्रीलंका में शांति सेना भेजना, 18 साल से मताधिकार, पंचायती राज को शामिल करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्होंने देश की युवा शक्ति को और अधिक मजबूत बनाने के लिए उनके लिए कई अहम योजनाओं की शुरुआत भी की।
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